साँसों की तितलियाँ
Saturday, July 22, 2017
सही
कुछ तो
सही
किया होगा
दिल ए नादान ने
सफ़र में,
यूँ ही तो
कोई
नई मन्ज़िलों को
गुमराह नहीं होता!
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