Sunday, April 17, 2016

वर

नेकनियती
के उजड़ने,
बदनियती
के बसने का वर
इतिहास पर
महंगा पड़ा,

पाक रूहों को
हर ज़माने
बस्तियों से परे
रहना पड़ा।

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