न भी रहा ज़िंदा दीक्षांत समारोह तक तो मलाल नहीं,
रूह ले लेगी आकर अर्थशास्त्र की ऐम. ए. डिग्री, उसी के लिए पढ़ा 97 की उम्र में मैं!
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