Thursday, April 28, 2016

शर्म

दो दो
नए पुल
और उनको
पिछड़े वर्तमान से जोड़ती
नई सड़क,
कैसे खुल गए
आवाम के लिए
उसकी सोई
क़िस्मत से उलट
उदघाटन के बिना?

नेताजी
नहीं रहे
या
डेमोक्रेसी को
शर्म आई?

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