दो दो नए पुल और उनको पिछड़े वर्तमान से जोड़ती नई सड़क, कैसे खुल गए आवाम के लिए उसकी सोई क़िस्मत से उलट उदघाटन के बिना?
नेताजी नहीं रहे या डेमोक्रेसी को शर्म आई?
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