Sunday, April 24, 2016

ज़हानत

बड़ी
ज़हानत से
निकालता है
यमदूत
सम्भ्रातों की
आख़िरी साँसें,

एक तानसेन
होता है किनारे
हर अक़बर की शैय्या।

No comments:

Post a Comment