साँसों की तितलियाँ
Saturday, April 23, 2016
मजाल
जल्लाद
कर देवे
मना,
ताँ मौत दी
की मजाल,
तख़्ताँ
दे पावेयाँ 'च
तलवार दी
मुट्ठ नहीं।
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