Friday, October 16, 2015

लेख

कालख़ दी स्याई नाल
लिखया ए
आज़ादी दे चेहरे ते
ए केहो जेहा
बिना अक्खरां दा लेख!

की की पढ़ रई ए
वेख़् वेख़्
अनपढ़ दुनिया।

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