Wednesday, October 14, 2015

हमला

अब आपकी
"न" की
छिछली रावी ब्यास ही
बचायें तो बचायें आपको,

बड़ा भीषण
हुआ है हमला
हिंदुकुश के इरादों के ऊपर से
पीर पंजाल के
निश्चय दर्रे लाँघ,

आपकी जेब के
लहलहाते उपजाऊ समृद्ध मैदानों पर
चारों ओर से
अख़बार के पहले भीतर और आख़िरी पन्नों
के वज्ञापनों की सेनाओं द्वारा
अपने आकाओं के इशारों पर...

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