साँसों की तितलियाँ
Sunday, October 25, 2015
अक्स
न जा
मेरे अक्स पे
कोई और हूँ मैं,
तेरा ख़्वाब,
न ख़ुद की हक़ीक़त,
कुछ और हूँ मैं।
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