Monday, October 12, 2015

रेत

दवात दे
समन्दर चों
भर भर के
कलम दी बुक्क
तरतीब नाल
सींच रेहाँ हाँ
सफ़ेयाँ दी रेत
गाओन्दा
हरफ़ाँ दी तर्ज़,

पढ़ लवीं
एनांनूँ
सुक्कण तों पहलाँ,
आस
मुक्कण तों पहलाँ!

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