दवात दे समन्दर चों भर भर के कलम दी बुक्क तरतीब नाल सींच रेहाँ हाँ सफ़ेयाँ दी रेत गाओन्दा हरफ़ाँ दी तर्ज़,
पढ़ लवीं एनांनूँ सुक्कण तों पहलाँ, आस मुक्कण तों पहलाँ!
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