वक्त बच्चों में छिपे बूढ़ों को ढूँढ़ निकालता रहा,
मिट्टी बदल बदल उन्हें नया बनाती रही,
तोहफ़ों में क्या था, कुदरत को पता था,
फिर भी रोमांचित हो खोलती रही, हैरानगी जताती रही।
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