शुक्र है कागज़ के हैं नोट, खर्च सकता हूँ इन्हें बेझिझक, खरीदने ज़िन्दगी के पॉपकॉर्न, कहीं अशर्फ़ियों से होते तो तकलीफ़ होती।
No comments:
Post a Comment