ओ सूरज चमकते रहना,
ओ चोटियों की बर्फ़ पिघलते रहना,
ओ झरनों तुम बहना निरंतर,
ओ नदिया बाँध तुम भरती रहना,
बाँध! तुम बनाना बिजली रात भर बिन रुके,
कल है मेरा इम्तेहान, करनी है तैयारी, बल्ब तुम जलते रहना।
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