Saturday, August 30, 2014

स्वाँग

पल भर को
जो सताता है
चाँद
कर
तारे को
रात में
छोड़ जाने का
स्वाँग,

दौड़
पीछे
भागता है
टिमटिमाता तारा,
मार कर
छलाँग।

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