Monday, August 25, 2014

सबक

आ तुजुर्बे
पकड़ मेरा हाथ,
सिखा मुझे
वही
जिसका
स्नातक हूँ मैं,

मेरे
खून में है तू,
ललकार
मुझे,
कर
पूरा
वो
सबक
जो
पढ़ कर भी
अधूरा है।

No comments:

Post a Comment