कहते हैं देता है खर्च उर्जा कैलोरीज़ हज़ारों घंटों में चंद खिलाड़ी शतरंज का,
कर देती हो खर्च तुम उर्जा कितनी, सोचते क्या क्या, सुबह से शाम बैठेे अकेले दिन सारा, ओ गृहणी!
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