Saturday, August 23, 2014

वृन्दावन

ये
क्यूँ
ले आये हो
नवजात को
वृन्दावन?

घर तो लाते,
ब्याह तक तो रुकते,

पिलाएगा कौन
इसे
दूध यहाँ पर,
इसकी छाती
में
दूध
सूखने
तक तो रुकते।

त्यागते
निकालते
घर से
पति के जी चुकने के बाद,
बेटों के
मुँह मोड़ने
तक तो रुकते।

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