Sunday, August 17, 2014

होड़

नहीं जानता
वो
कौन सी
बसें थीं
जिन्होनें
राहगीरों को
कुचला,

बस
इतना
देख पाया
कि
दोनों के
पिछले शीशों पर
क्रमशः
चाँद और स्वास्तिक
बने थे,
एक दूसरे से
आगे
निकलने की
होड़ में थीं।

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