नहीं जानता वो कौन सी बसें थीं जिन्होनें राहगीरों को कुचला,
बस इतना देख पाया कि दोनों के पिछले शीशों पर क्रमशः चाँद और स्वास्तिक बने थे, एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में थीं।
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