काश जगाता अलार्म नींद से माँ की तरह फेर कर बालों पर हाथ चूम कर माथा पुकार हौले से मेरा नाम, उतार बलायें,
बस बेदिल बेसरोकार बदहवासी में करता है शोर, अपनी बला टालता!
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