काँटे की टक्कर थी गुलाब जामुन और रस मलाई में कि कौन मीठा है ज़्यादा,
खड़ा दो पाटों में फंसा बीच मैं,
जीते कोई भी, मेरी तो हार है,
हाय कश्मकश,
पीठ दिखा भागूँ या रहूँ डटा मैदान में मैँ!
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