Friday, August 15, 2014

क्राँति

क्राँति मैदान में
आ गई
यकदम
जो
मूसलाधार
बारिश,
भाग कर
शामियानों
में घुस गई
भीड़,

आज भी
वहीँ
सीना तान
डटे
खड़े
मुस्कुराते
भीगते
रहे
क्रांतिकारियों
के
बुत।

No comments:

Post a Comment