Sunday, August 3, 2014

दो मिनट और

सर्जरी डे
था,
मरीज़ों
की फ़ाइलें
थी
डॉक्टरों नें
सब
पढ़ लीं,

सहायक
औज़ार
ऐनेस्थीजिया
दवाईयाँ
ऑक्सीजन
सब थे तैयार,

मरीज़ थे
हौसले में,
बोतलों में
खून था
रवानगी को
आतुर,

फिर भी
लगे
दो मिनट
और,
होने में
शुरू
ऑपरेशन,

छोटी
ही सही,
ज़रूरी थी
आज भी
डॉक्टरों के लिए
प्रार्थना।

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