झुर्रियों से भरे हैं बाबाजी जो आपके जूते, चेहरे की चमड़ी से कितने नये हैं?
तुजुर्बे हैं दबे जो चेहरे की तहों में, क्या इन्हीं जूतों के सफ़र से मिले हैं?
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