साँसों की तितलियाँ
Thursday, August 14, 2014
आप
मौजूद
तो थे
आपके ही
अन्दर
वो आप
जो
आप हो सकते थे,
किसी को
बुलाया
न गया,
किसी को
आने
न दिया।
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