बख्शा नहीं था ख़ुदा ने हुस्न जो आपको मिला है,
आप आप बने हैं इत्तेफ़ाकन जब ये आपको मिला है,
अब कहें आप कुछ तारीफ़ में अपनी, क्या क्या आपको ख़ुद से मिला है!
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