साँसों की तितलियाँ
Wednesday, August 13, 2014
एहसान
एहसान
न कर
ऐ
दोस्त,
तू
कीमत
बता दे,
सस्ते में
ख़रीद लूँ,
कहीं
लुट
न जाऊँ मैं।
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