साँसों की तितलियाँ
Friday, August 1, 2014
मोड़
किस किस
मोड़
से
मुड़े हो,
कि
अब
सब
रास्तों से
बड़े
हो!
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment