Friday, August 8, 2014

इरादे

लिख
कागज़
के टुकड़े पर
अपने
इरादे,
कल
शाम तक
भूल जा,

रात
के अंधेरे
में
चुपचाप
जाने वालों
के बाद,
दोपहर
की
धूप में भी
जो
न उड़े,

वो
कर
लेना।

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