साँसों की तितलियाँ
Saturday, October 11, 2014
बरसात
खुशनसीबी
की
बरसात
मेरे सहरा
न
बरसे
न सही,
काफ़ी है
मेरे लिए
हर रात के
पिछले
पहर
की
ओस।
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