Monday, October 6, 2014

ऐतराज़

नहीं
गर
किसी को
किसी की
तकलीफ़
का
एहसास
तो
उसका
प्यार
कैसा!

है
नफ़े
नुक्सान
का
हिसाब
तो
उस
व्यापार पर
ऐतराज़
कैसा!!!

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