राजधानियों के हुक्मरान बनेंगे चौराहों के बुत,
रिआया कबूतर बन उनके सर पर चढ़ेगी,
बारी बारी से मिलेगा ऊँचाईयों का मौका,
ऐसी लोक शाही तो यूँ ही चलेगी!
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