साँसों की तितलियाँ
Thursday, October 9, 2014
ज़िन्दा
ज़िन्दा है
जिसकी
जुबां पर
अभी
तक
फ़रियाद,
करता है
अभी तक
ख़ुद से
बातें,
दिल की
सुनता है।
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