साँसों की तितलियाँ
Thursday, October 23, 2014
बगीचे
उड़
आते हैं
बगीचे
तितलियों के
नाज़ुक पंखों पर
पराग बन
मीलों दूर,
कुदरत को
कहाँ
रास्तों की
कमी है!
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