साँसों की तितलियाँ
Friday, December 26, 2014
यक़ीन और ऐतबार
कौए को
घायल चूहे के
मरने
तक का
सब्र
न था,
अपनी
मेहनत पर
यकीन था,
क़िस्मत पर
ऐतबार
न था।
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