Saturday, December 27, 2014

मन्ज़िल

कर भी लेता
ख़ुदकुशी
वो कूद कर
आसमाँ की
किसी
मंज़िल से,

गर देखता
कोई
उसे
ज़मीन से,
किसी को
फ़ुर्सत होती...

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