Friday, December 26, 2014

किनारे

कहना तो चाहता है
बहुत कुछ
ये सागर
मुझसे,
भेजता भी है
मेरी ओर
हरें
भर भर के,
मेरे ही किनारे
हैं ज़मीन से जुड़े
आसमाँ से बंधे...

No comments:

Post a Comment