साँसों की तितलियाँ
Sunday, December 28, 2014
इरादे
गुफाओं में
खोद
लगा लिए
वो दरबार
जो बाहर
लगने न दिए,
पत्थरों से
कहाँ रुके
वो इरादे
जो हवाओं
में थे।
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