Tuesday, December 2, 2014

बात

न ब्याह
मुझको
मेरी माई,
मेरी
बात
सुन,

सम्हालने दे
ताउम्र
यूहीं
तेरे न हुए
बेटे की तरह
तेरी
ये दुकान,
स्वावलम्बी
आज़ाद
खुश
रहने दे।

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