नई जगह नींद में यक ब यक क्रिस्टमस की सुबह सुनीं जो तेरी आज़ान तो एक बार तो लगा मैं तेरे पास पहुँच गया,
होश की आँख खोल पलकों का पर्दा उठाया तो पाया मैं था अभी भी वहीं, तू आया था।
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