Sunday, December 28, 2014

खुशियाँ

दो चार सौ
औरतों लड़कियों की
खुशियाँ
चुपचाप
ख़रीद
था वो
ले जा रहा
लोकल ट्रेन से
बाँद्रा,

अगले दिन
की
बिक्री
के लिए
थीं
वो तीन
पोटलियाँ
चूड़ियों की।

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