साँसों की तितलियाँ
Sunday, December 28, 2014
ज़्यादा
कमज़ोर को
ईश्वर
कुछ और भी
कम,
मज़बूत को
ईश्वर
एक भी
ज़्यादा...
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment