Thursday, December 4, 2014

ज़लज़ला

तितली के
पंख हिलाने
से भी गर
दुनिया का कोई
तूफ़ान
कहीं
उठता या थमता है,

हार न मान,
कुछ भी कर,
एक ज़लज़ला
तेरी भी राह
तकता है।

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