Tuesday, December 23, 2014

बुलावा

सागर तट
से
पर्वत शिखर
पर
जाने में
लग जाते
चूँकि
उसे
चंद
दस हज़ार बरस
शायद,

बुलवा भेजा
मुझे,
सदियों से
भीगते
उस पत्थर नें,

मेरे हाथों से
उठवा
जेब में
ख़ुद को
डलवाया
उसनें।

No comments:

Post a Comment