गल्ले पर बैठे भैयाजी के बेटे को अभी तो हफ़्ता ही हुआ था, व्यापार का डिप्लोमा हो गया,
पूरा यकीन था भैयाजी को, एक महीने में कर लेगा एम बी ऐ उनका होनहार बेटा, व्यापार को बढ़ाएगा।
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