नहीं
पढ़
पाता हूँ
आध-एक
सफ़े से ज़्यादा
किताब को,
पढ़
पाता हूँ
आध-एक
सफ़े से ज़्यादा
किताब को,
शब्दों
का वैक्यूम
उठाता है
विचारों का
ऐसा
बवंडर
कि
खुल जाते हैं
दीमाग की
बुकशेल्फ़
पर
अनलिखी
किताबों के
सभी पन्ने
एक साथ!
का वैक्यूम
उठाता है
विचारों का
ऐसा
बवंडर
कि
खुल जाते हैं
दीमाग की
बुकशेल्फ़
पर
अनलिखी
किताबों के
सभी पन्ने
एक साथ!
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