साँसों की तितलियाँ
Wednesday, October 1, 2014
अतीत
अतीत
तू तो
पीछे था
आगे
कैसे?
तेरा
नाम तो
माज़ी था,
मुस्तक़बिल
कैसे!
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment