Thursday, May 12, 2016

कर्ज़

रहा
कर्ज़
तेरा
ये दावतनामा
मुझ पर,

कुछ इम्तिहानों से
गुज़र लूँ
तेरी पनाहगाह
से पहले।

No comments:

Post a Comment