साँसों की तितलियाँ
Thursday, May 5, 2016
खिड़की
उस खिड़की से
मुझे
हमेशा
कुछ न कुछ
मिला है,
कभी आसमान
कभी वादी ओ पहाड़
कभी सुकून
तो कभी
रास्ता मिला है!
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