साँसों की तितलियाँ
Tuesday, May 17, 2016
ज़रूरी
तू बता
तेरे बन्दे के लिए
क्या ज़रूरी है,
मेरे रहबर
मेरी आरज़ू न पूछ
फ़क़त तेरी रहमत
ज़रूरी है।
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