साँसों की तितलियाँ
Sunday, May 1, 2016
साहिल
समझाते हैं मुझे
कि दर्द ए साहिल है
मेरे मर्ज़ की रवानी,
कोई मेरे
दिल ए बेताब
की तो सुने,
तू तो पूछ!
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